मुजफ्फरनगर। सरकारी धन का दुरूपयोग करना तो कोई प्रशासनिक अधिकारियों से सीखे। लाखों की बडी रकम खर्च करने के बाद भी गौशाला का निर्माण अधूरा पडा है। जिसके चलते आवारा पशु रास्तों पर भटक रहे हैं तथा अस्थाई गौशाला में उचित प्रबन्ध न होने के कारण गौवंश भूखे पेट मर रहा हैं। कस्बा भोकरहेडी में मोरना मार्ग पर नगर पंचायत द्वारा कान्हा गौशाला का निर्माण सालों से चल रहा है। करोडों रूपये की लागत से बन रही गौशाला का निर्माण कार्य फिलहाल बन्द है। वर्षों से बन रही गौशाला का निर्माण अधूरा होने के कारण कस्बे में आवारा गौवंश इधर उधर भटक रहा है तथा कस्बे बसेडा मार्ग पर बनायी गयी अस्थायी गौशाला में उचित प्रबन्ध न होने के कारण गौवंश भूखे पेट दम तोड रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार गौशाला में निर्माण में एक करोड 66 लाख की लागत आनी है। इतनी बडी लागत के उपरान्त मात्र दो दर्जन पशुओं की क्षमता गौशाला में बताई गयी है। वहीं वर्तमान में गौशाला का निर्माण कार्य बन्द है। लाखों की बडी लागत खर्च हो जाने के बाद भी गौवंश के लिए कस्बे में कोई स्थायी व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाती है। सभासद पति रामबीर सिंह ने बताया कि तालाब व पंजावा भूमि पर अवैध कब्जा कर गौशाला के नाम पर सरकारी रकम को बन्दर बांट करने का कार्य नगर पंचायत कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। अस्थायी गौशाला में व्यवस्था के नाम पर लाखों की रकम का हेरफेर चल रहा है।
लाखों के खर्च के बाद भी अधूरी पडी है सरकारी गौशाला